
अस्थमा इनहेलर का अत्यधिक इस्तेमाल हो सकता है खतरनाक
By Dr. Deepak Prajapat in Pulmonology, Respiratory & Sleep Medicine
May 6, 2025
अस्थमा इनहेलर का अत्यधिक इस्तेमाल हो सकता है खतरनाक, जानें इससे जुड़ी समस्याएं
अस्थमा एक सामान्य लेकिन गंभीर श्वसन रोग है, जो यदि सही ढंग से प्रबंधित न किया जाए तो मरीज़ की जीवनशैली और स्वास्थ्य दोनों पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। बतौर पल्मोनोलॉजिस्ट, मैं यह देखता हूँ कि कई मरीज़ अस्थमा के “रिलीवर इनहेलर” जैसे salbutamol का अत्यधिक उपयोग करते हैं, जबकि अस्थमा के दीर्घकालिक नियंत्रण के लिए सबसे ज़रूरी है नियमित “कंट्रोलर इनहेलर” का सेवन।
रिलीवर इनहेलर – तत्काल राहत, स्थायी समाधान नहीं
रिलीवर इनहेलर का उद्देश्य होता है अस्थमा अटैक या सांस की तकलीफ के समय तुरंत राहत देना। लेकिन जब मरीज़ इसे बार-बार, बिना किसी नियंत्रण के लेने लगते हैं, तो यह एक लाल झंडी होती है कि उनका अस्थमा नियंत्रण में नहीं है। एक सामान्य गाइडलाइन के अनुसार, अगर किसी मरीज़ को सप्ताह में दो बार से अधिक रिलीवर इनहेलर की ज़रूरत पड़ रही है, तो उन्हें अपने उपचार की समीक्षा करानी चाहिए।
अत्यधिक उपयोग से जुड़ी चिकित्सकीय जटिलताएं
- लक्षणों की गंभीरता छुप जाती है, जिससे अस्थमा का सही इलाज नहीं हो पाता।
- तेज धड़कन, कंपकंपी और बेचैनी जैसे साइड इफेक्ट्स सामान्य हो जाते हैं।
- कुछ मामलों में, अत्यधिक इनहेलर का उपयोग दिल पर भी प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है।
- यह आदत कई बार मरीज़ को ICU तक पहुंचा सकती है, यदि अस्थमा बिगड़ जाए।
कंट्रोलर इनहेलर – असली हथियार
कंट्रोलर इनहेलर, जिनमें सामान्यतः स्टेरॉइड होते हैं, सूजन को नियंत्रित रखते हैं और लक्षणों की पुनरावृत्ति को रोकते हैं। ये इनहेलर रोज़ाना और नियमित रूप से लेने होते हैं, भले ही मरीज़ को लक्षण न हों। दुर्भाग्यवश, कुछ मरीज़ स्टेरॉइड के डर या जानकारी की कमी के कारण इन्हें छोड़ देते हैं – जिससे अस्थमा असंतुलित हो जाता है।
डॉक्टर के सुझाव
- हर मरीज़ के लिए “अस्थमा एक्शन प्लान” बनाएं।
- रिलीवर इनहेलर के उपयोग की मात्रा ट्रैक करें।
- मरीज़ को शिक्षित करें कि रिलीवर इनहेलर केवल आपातकालीन स्थिति के लिए है।
- नियमित फॉलो–अप से इलाज को अपडेट करते रहें।
- प्रिवेंटर इनहेलर के महत्व को स्पष्ट करें और साइड इफेक्ट्स को समझाएं।
बतौर डॉक्टर, मेरा अनुभव यही कहता है कि अस्थमा इनहेलर का सही, समयबद्ध और संतुलित उपयोग ही मरीज़ को राहत दे सकता है। रिलीवर इनहेलर केवल तात्कालिक समाधान है, अस्थमा के दीर्घकालिक नियंत्रण के लिए कंट्रोलर थेरेपी अनिवार्य है। अगर मरीज़ और डॉक्टर मिलकर एक जागरूक और संतुलित योजना बनाएं, तो अस्थमा को पूरी तरह नियंत्रित किया जा सकता है।
“इलाज की कुंजी है — जानकारी, जागरूकता और अनुशासन।“
डॉ. दीपक प्रजापत
वरिष्ठ कंसल्टेंट – पल्मोनरी और क्रिटिकल केयर
मेट्रो हॉस्पिटल, नोएडा